Wednesday 27 May 2009

सुंदर कम्यून (कविता)

इसमे कोई बात नही

है दोस्तों, साथियो,

मेरे परिवार वालो कि

हमारी मुद्रा रानी के पीछे

सोना नहीं है लेकिन है

पूँजी की तीन जिल्दें

जिनका बेश मूल्य

कोई माप नही सकता

हमारा विस्वास कीजिये

हम अपने लोकोमोटिव

आपके खेतों पर से

नहीं लेकर जायेंगे

और न ही

समाजवाद द्वारा बनाये

घरों पर से लेकिन

हम किसी के रोके रुकेंगे नहीं

ये अब एक ही जगह पहुँच

कर ख़ुद व ख़ुद रुकेंगे

और वह है

हमारी अपनी प्यारी,

सुंदर कम्यून। --बलदेव शर्मा

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