तुम्हारे लिए तुम्हारे प्यार
में एक दुनिया देखा है
तुमको दुनिया की
सबसे ऊँची जगह पर
एक इंसान के रूप में
दुनिया के लिए
दुनिया की
एक विरासत के रूप में
तुम मेरी अपनी हो
ऐसा तुम्हारा प्यार
पाना चाहता हूँ मैं
-अरुण देव गतिकर
DEVGATIKAR ARUN
अभी अभी जो बात हुई है
अभी अभी जो तुमने जाना है
क्या तुमने भी वह माना है
तेरी मेरी थी जो बात
वही कही हमने आज
जब तक है तेरी मेरी सांस
क्या हो पायेगा सच, क्या
बदलती तुम्हारी दुनिया में जहाँ
तुम्हारी दुनिया सिर्फ़ तुम्हारी
होती है , हमेशा मुझसे अलग
लेकिन तुम निर्भर ही होती हो
हमेशा इसी दुनिया में
किसी न किसी पर
तुमने चाहा है मुझे
मैंने चाहा तुम्हे
हर बार तब भी।
-अरुण देव गतिकर